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ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौः: ॐ ह्रीं श्रीं क ए ऐ ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं सौः: ऐं क्लीं ह्रीं श्रीं 

इस सृष्टि का आधारभूत क्या है और किसमें इसका लय होता है? किस उपाय से यह सामान्य मानव इस संसार रूपी सागर में अपनी इच्छाओं को कामनाओं को पूर्ण कर सकता है?

Goddess is commonly depicted as sitting over the petals of lotus that may be retained over the horizontal physique of Lord Shiva.

सर्वानन्द-मयेन मध्य-विलसच्छ्री-विनदुनाऽलङ्कृतम् ।

This mantra is undoubtedly an invocation to Tripura Sundari, the deity being addressed On this mantra. It's really a request for her to satisfy all auspicious desires and bestow blessings upon the practitioner.

Goddess Shodashi is commonly linked to beauty, and chanting her mantra evokes inner splendor and self-acceptance. This benefit encourages folks to embrace their genuine selves and cultivate self-assurance, assisting them radiate positivity and grace of their each day life.

षोडशी महात्रिपुर सुन्दरी का जो स्वरूप है, वह अत्यन्त ही गूढ़मय है। जिस महामुद्रा में भगवान शिव की नाभि से निकले कमल दल पर विराजमान हैं, वे मुद्राएं उनकी कलाओं को प्रदर्शित करती हैं और जिससे उनके कार्यों की और उनकी अपने भक्तों के प्रति जो भावना है, उसका सूक्ष्म विवेचन स्पष्ट होता है।

ब्रह्माण्डादिकटाहान्तं जगदद्यापि दृश्यते ॥६॥

The Tale is a cautionary tale of the strength of need as well as necessity to acquire discrimination as a result of meditation and following the dharma, as we progress inside our spiritual route.

॥ अथ श्री त्रिपुरसुन्दरीवेदसारस्तवः ॥

Goddess also has the title of Adi Mahavidya, which implies the complete Variation of actuality. In Vedic mantras, she's referred to as the Goddess who sparkles with the beautiful and pure rays of your sun.

The Shodashi philosophical dimensions of Tripura Sundari prolong further than her physical attributes. She represents the transformative ability of magnificence, that may lead the devotee from your darkness of ignorance to The sunshine of data and enlightenment.

तिथि — किसी भी मास की अष्टमी, पूर्णिमा और नवमी का दिवस भी इसके लिए श्रेष्ठ कहा गया है जो व्यक्ति इन दिनों में भी इस साधना को सम्पन्न नहीं कर सके, वह व्यक्ति किसी भी शुक्रवार को यह साधना सम्पन्न कर सकते है।

सर्वभूतमनोरम्यां सर्वभूतेषु संस्थिताम् ।

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